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    न क्रोधो न च मात्सर्यं न लोभो नाशुभा मतिः । भवन्ति कृत पुण्यानां भक्तानां पुरुषोत्तमे ॥ १३॥

    The devotee of the Lord Purushottama, Has neither anger nor fear, Nor avarice, and nor bad thoughts.

    भगवान पुरुषोत्तम के भक्त के पास न तो क्रोध होता है, और न भय, न लालच, और न ही बुरी सोचें होती हैं।