1. 32

    राम रसायन तुह्मरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ॥ ३२ ॥

    You have the essence of Ram bhakti, may you always remain the humble and devoted servant of Raghupati. ॥ 32 ॥

    आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है। ॥ ३२ ॥