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राम रसायन तुह्मरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ॥ ३२ ॥
You have the essence of Ram bhakti, may you always remain the humble and devoted servant of Raghupati. ॥ 32 ॥
आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है। ॥ ३२ ॥