- 6
सङ्कर सुवन केसरीनन्दन । तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥ ६ ॥
You are the embodiment of Lord Shiva and vanar-raj Kesari's son. There is no limit or end to Your glory, Your magnificence. The whole Universe worships You. ॥ 6 ॥
शंकर के अवतार! हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है। ॥ ६ ॥
- 7
बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥ ७ ॥
You are the wisest of the wise, virtuous and (morally) clever. You are always eager to do Lord Rama's works. ॥ 7 ॥
आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम के काज करने के लिए आतुर रहते है। ॥ ७ ॥
- 8
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥ ८ ॥
You feel extremely delighted in listening to Lord Rama's doings and conduct. Lord Rama, Mother Sita, and Lord Laxmana dwell forever in Your heart. ॥ 8 ॥
आप श्री राम चरित सुनने में आनन्द रस लेते है। श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में बसे रहते है। ॥ ८ ॥
- 9
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥ ९ ॥
Taking the subtle form, You appeared in front of Mother Sita. And, taking the formidable form, You burnt the Lanka (Ravana's kingdom). ॥ 9 ॥
आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया। ॥ ९ ॥
- 10
भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचन्द्र के काज सँवारे ॥ १० ॥
Taking the massive form (like that of Bheema), You slaughtered the demons. This is how, You completed Lord Rama's tasks, successfully. ॥ 10 ॥
आपने विकराल रूप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उद्देश्यों को सफल कराया। ॥ १० ॥