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जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ १ ॥
Victory to Lord Hanuman, the ocean of wisdom and virtue. Victory to the Lord who is supreme among the monkeys, illuminator of the three worlds. ॥ 1 ॥
श्री हनुमान जी! आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है। ॥ १ ॥
- 2
राम दूत अतुलित बल धामा । अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥ २ ॥
You are Lord Rama's emissary, the abode of matchless power, Mother Anjani's son, and also popular as the ‘Son of the Wind’. ॥ 2 ॥
हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है। ॥ २ ॥
- 3
महाबीर बिक्रम बजरङ्गी । कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥ ३ ॥
Great hero, You are as mighty as a thunderbolt. You remove evil intellect and are the companion of those having good ones. ॥ 3 ॥
हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालों के साथी, सहायक है। ॥ ३ ॥
- 4
कञ्चन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥ ४ ॥
Your skin is golden in color and You are adorned with beautiful clothes. You have adorning earrings in Your ears and Your hair is curly and thick. ॥ 4 ॥
आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं। ॥ ४ ॥
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हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेउ साजै ॥ ५ ॥
In Your hands, shine a mace and a flag of righteousness. A sacred thread adorns Your right shoulder. ॥ 5 ॥
आपके हाथ में बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है। ॥ ५ ॥