1. 36

    सङ्कट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥ ३६ ॥

    All troubles cease for the one who remembers the powerful lord, Lord Hanuman and all his pains also come to an end. ॥ 36 ॥

    हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है। ॥ ३६ ॥

  2. 37

    जय जय जय हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥ ३७ ॥

    O Lord Hanuman! Praises and glory to you O mighty Lord, please bestow your grace as our Supreme Guru. ॥ 37 ॥

    हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए। ॥ ३७ ॥

  3. 38

    जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥ ३८ ॥

    One who recites this Chalisa a hundred times is released from all bondages and will attain great bliss. ॥ 38 ॥

    जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे परमानन्द मिलेगा। ॥ ३८ ॥

  4. 39

    जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥ ३९ ॥

    One who reads and recites this Hanuman Chalisa, all his works get accomplished. Lord Shiva, Himself, is the witness to it. ॥ 39 ॥

    भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है, कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी। ॥ ३९ ॥

  5. 40

    तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥ ४० ॥

    O Lord Hanuman, May I always remain a servant, a devotee to Lord Sri Ram, says Tulsidas. And, May You always reside in my heart. ॥ 40 ॥

    हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है। इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए। ॥ ४० ॥