1. 12

    रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥ १२ ॥

    Raghupati, Lord Rama praised You greatly and overflowing in gratitude, said that You are a dear brother to Him just as Bharat is. ॥ 12 ॥

    श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा कि तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो। ॥ १२ ॥