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चारों जुग परताप तुह्मारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ॥ २९ ॥
Your splendor fills all the Four Ages. And, Your glory is renowned throughout the world. ॥ 29 ॥
चारों युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है। ॥ २९ ॥