1. 29

    चारों जुग परताप तुह्मारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ॥ २९ ॥

    Your splendor fills all the Four Ages. And, Your glory is renowned throughout the world. ॥ 29 ॥

    चारों युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है। ॥ २९ ॥