- 6
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥ ६ ॥
Like the feeding mother Annapurna you nurture the whole universe and you are the one who appear like the timeless Bala Sundari (young girl of extreme beauty). ॥ ६ ॥
अन्नपूर्णा का रूप धारण कर आप ही जगत पालन करती हैं और आदि सुन्दरी बाला के रूप में भी आप ही हैं। ॥ ६ ॥
- 7
प्रलयकाल सब नाशन हारी । तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥ ७ ॥
At the time of Dissolution it is you, O Mother, who destroys everything. You are the beloved consort of Lord Shiva, Gauri (Parvathi) ॥ 7 ॥
प्रलयकाल में आप ही विश्व का नाश करती हैं। भगवान शंकर की प्रिया गौरी-पार्वती भी आप ही हैं। ॥ ७ ॥
- 8
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें । ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥ ८ ॥
Lord Shiva and all yogis always chant your praise, Brahma, Vishnu and all other Gods ever meditate on you. ॥ 8 ॥
शिव व सभी योगी आपका गुणगान करते हैं। ब्रह्मा-विष्णु सहित सभी देवता नित्य आपका ध्यान करते हैं। ॥ ८ ॥
- 9
रूप सरस्वती को तुम धारा । दे सुबुद्धि ऋषि-मुनिन उबारा ॥ ९ ॥
You also appear in the form of Goddess Saraswati to grant wisdom to the sages and thus ensure their welfare. ॥ 9 ॥
आपने ही मां सरस्वती का रूप धारण कर ऋषि-मुनियों को सद्बुद्धि प्रदान की और उनका उद्धार किया। ॥ ९ ॥
- 10
धरा रूप नरसिंह को अम्बा । प्रगट भईं फाड़कर खम्बा ॥ १० ॥
O Mother Amba, it was you who appeared in the form of Narismha, sundering the pillar. ॥ 10 ॥
हे अम्बे माता! आप ही ने श्री नरसिंह का रूप धारण किया था और खम्बे को चीरकर प्रकट हुई थीं। ॥ १० ॥