1. 11

    रक्षा कर प्रह्लाद बचायो । हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥ ११ ॥

    Thus, you saved Prahlad and Hiranyakashyap also went to Heaven as he was killed by your hands.॥ 11 ॥

    आपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करके हिरण्यकश्यप को स्वर्ग प्रदान किया, क्योकिं वह आपके हाथों मारा गया। ॥ ११ ॥

  2. 12

    लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं । श्री नारायण अंग समाहीं ॥ १२ ॥

    In the form of Goddess Lakshmi, O Mother, you appear in this world and repose by the side of Shree-Narayan. ॥ 12 ॥

    लक्ष्मीजी का रूप धारण कर आप ही क्षीरसागर में श्री नारायण के साथ शेषशय्या पर विराजमान हैं। ॥ १२ ॥

  3. 13

    क्षीरसिन्धु में करत विलासा । दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥ १३ ॥

    Dwelling on the Ocean of milk, O Goddess,with Lord Vishnu, please fulfill my desires. ॥ 13 ॥

    क्षीरसागर में भगवान विष्णु के साथ विराजमान हे दयासिन्धु देवी! आप मेरे मन की आशाओं को पूर्ण करें। ॥ १३ ॥

  4. 14

    हिंगलाज में तुम्हीं भवानी । महिमा अमित न जात बखानी ॥ १४ ॥

    O Bhavani, the famous goddess of Hingalaja is no one else but you yourself. Limitless is your glory and daring description. ॥ 14 ॥

    हिंगलाज की देवी भवानी के रूप में आप ही प्रसिद्ध हैं। आपकी महिमा का बखान नहीं किया जा सकता है। ॥ १४ ॥

  5. 15

    मातंगी अरु धूमावति माता । भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥ १५ ॥

    You are yourself Matangi and Dhoomavati Mata. It is you who appear as Bhuvenshwari and Bagalamukhi Devi to bestow happiness to all. ॥ 15 ॥

    मातंगी देवी और धूमावाती भी आप ही हैं भुवनेश्वरी और बगलामुखी देवी के रूप में भी सुख की दाता आप ही हैं। ॥ १५ ॥