- 1
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥ १ ॥
I bow to you O Goddess Durga, the bestower of all happiness! I bow to you O Goddess Amba! Who ends all miseries. ॥ 1 ॥
सुख प्रदान करने वाली मां दुर्गा को मेरा नमस्कार है। दुख हरने वाली मां श्री अम्बा को मेरा नमस्कार है। ॥ १ ॥
- 2
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥ २ ॥
The radiance of your light is limitless and pervading and all the three realms (Earth, Heaven and the Nether World) are enlightened by thee. ॥ 2 ॥
आपकी ज्योति का प्रकाश असीम है, जिसका तीनों लोको (पृथ्वी, आकाश, पाताल) में प्रकाश फैल रहा है। ॥ २ ॥
- 3
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥ ३ ॥
Your Visage is like the moon and mouth very huge. Your eyes are bedlight with a red glow with the frightening frown. ॥ 3 ॥
आपका मस्तक चन्द्रमा के समान और मुख अति विशाल है। नेत्र रक्तिम एवं भृकुटियां विकराल रूप वाली हैं।॥ ३ ॥
- 4
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे ॥ ४ ॥
O Mother! Your view is enchanting, the very sight of which ensures welfare of the devout. ॥ 4 ॥
मां दुर्गा का यह रूप अत्यधिक सुहावना है। इसका दर्शन करने से भक्तजनों को परम सुख मिलता है। ॥ ४ ॥
- 5
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना ॥ ५ ॥
All the powers of the world repose in thee and it is you who provide food and money for the world’s survival. ॥ 5 ॥
संसार के सभी शक्तियों को आपने अपने में समेटा हुआ है। जगत के पालन हेतु अन्न और धन प्रदान किया है। ॥ ५ ॥