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    सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्हासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासम्। गदाचक्रशस्तं लसत्पीतवस्त्रं हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ।। २ ।।

    I worship him, who lives in the sea having smile like a flower. He is immortal lives everywhere in the world who has the sparkle of hundred suns. Shri Hari has mace and holy wheel as armaments. He wears yellow clothes with a sweet face adorned with smile. ।। 2 ।।

    जो सदा समुद्र में वास करते हैं, जिनकी मुस्कान खिले हुए पुष्प की भाँति है, जिनका वास पूरे जगत में है, सौ सूर्यों के सामान प्रतीत होते (दिखते) हैं। जो गदा, चक्र और शस्त्र धारण करते हैं, जो पीले वस्त्रों में सुशोभित हैं, जिनके सुन्दर चेहरे पर प्यारी मुस्कान है, उन भगवान् विष्णु को मैं बारम्बार भजता/ती हूँ । ।। २ ।।