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जगज्जाल पालम् कचत् कण्ठमालं शरच्चन्द्र भालं महादैत्य कालम् । नभोनीलकायम् दुरावारमायम् सुपद्मा सहायं भजेऽहं भजेऽहं ।। १ ।।
Lord Vishnu who is the protector of the world and wears a dazzling garland in his neck. He is considered as the death demons and monsters having the bodies color sky blue. Shri Hari has unstoppable powers of illusion husband of Goddess Lakshmi. I worship Lord Hari again and again. ।। 1 ।।
जो समस्त जगत के रक्षक हैं, जो गले में चमकता हार पहने हुए हैं, जिनका मस्तक शरद ऋतु में चमकते चन्द्रमा की तरह है और जो महादैत्यों के काल हैं। नभ (आकाश) के समान जिनका रंग नीला है, जो अजेय मायावी शक्तियों के स्वामी हैं, देवी लक्ष्मी जिनकी साथी हैं उन भगवान् विष्णु को मैं बारम्बार भजता/ती हूँ । ।। १ ।।
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सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्हासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासम्। गदाचक्रशस्तं लसत्पीतवस्त्रं हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ।। २ ।।
I worship him, who lives in the sea having smile like a flower. He is immortal lives everywhere in the world who has the sparkle of hundred suns. Shri Hari has mace and holy wheel as armaments. He wears yellow clothes with a sweet face adorned with smile. ।। 2 ।।
जो सदा समुद्र में वास करते हैं, जिनकी मुस्कान खिले हुए पुष्प की भाँति है, जिनका वास पूरे जगत में है, सौ सूर्यों के सामान प्रतीत होते (दिखते) हैं। जो गदा, चक्र और शस्त्र धारण करते हैं, जो पीले वस्त्रों में सुशोभित हैं, जिनके सुन्दर चेहरे पर प्यारी मुस्कान है, उन भगवान् विष्णु को मैं बारम्बार भजता/ती हूँ । ।। २ ।।
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रमाकण्ठहारं श्रुतिवातसारं जलान्तर्विहारं धराभारहारम् । चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं धृतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ।। ३ ।।
I worship him, who is the garland in the neck of Lakshmi and have the essence of Vedas. He lives inside the water and also lightens the weight of earth. Lord Vishnu has a form which is eternally pleasing and attracts the mind. It is assumed that he has several forms. ।। 3 ।।
जिनके गले के हार में देवी लक्ष्मी का चिन्ह बना हुआ है, जो वेद वाणी के सार हैं, जो जल में विहार करते हैं और पृथ्वी के भार को धारण करते हैं। जिनका सदा आनंदमय रूप रहता है और मन को आकर्षित करता है, जिन्होंने अनेकों रूप धारण किये हैं, उन भगवान् विष्णु को मैं बारम्बार भजता/ती हूँ । ।। ३ ।।
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जराजन्महीनम् परानन्द पीनम् समाधान लीनं सदैवानवीनम् । जगज्जन्म हेतुं सुरानीककेतुम् त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ।। ४ ।।
I worship him who does not have birth or ending and full of eternal happiness. Lord Vishnu is always interested in peace and the one who does not have anything new. He is the cause of birth and death of this world. It is believed that he is the protector of deva army and the bridge between three worlds. ।। 4 ।।
जो जन्म और उम्र से मुक्त हैं, जो परमानन्द से भरे हुए हैं, जिनका मन सदैव स्थिर और शांत रहता है, जो हमेशा नवीन (नये) प्रतीत होते हैं। जो इस जगत के जन्म के कारक हैं, देवताओं की सेना के रक्षक हैं और तीनों लोकों के बीच सेतु हैं, उन भगवान् विष्णु को मैं बारम्बार भजता/ती हूँ । ।। ४ ।।
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कृताम्नाय गानम् खगाधीशयानं विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानम् । स्वभक्तानुकूलम् जगदृक्षमूलम् निरस्तार्तशूलम् भजेऽहं भजेऽहं ।। ५ ।।
I worship him, who is the singer of the Vedas and rides the on the king of birds. Lord Vishnu is the cause of salvation and also kills the enemies of Lord Shiva. He is very partial to his devotees and considered as the root of the tree of the world. Shri Hari is the examinator of all sorrows. ।। 5 ।।
जो वेदों के गायक हैं, पक्षीराज गरुड़ की जो सवारी करते हैं, जो मुक्तिदाता हैं और शत्रुओं का जो मान हरते हैं। जो अपने भक्तों के प्रिय हैं, जो जगत रुपी वृक्ष की जड़ हैं, जो सभी दुखों को निरस्त (ख़त्म) कर देते हैं, उन भगवान् विष्णु को में बारम्बार भजता /ती हूँ । ।। ५ ।।