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बल बुद्धि विद्या शील स्वभाऊ । धन वैभव यश तेज उछाऊ ॥४१II
Whoever meditates on you, gets strength, wisdom, knowledge, calm nature and also his wealth, prosperity, fame increases rapidly.
जो भी आपका ध्यान लगाता है उसे बल, बुद्धि, विद्या, शांत स्वभाव तो मिलता ही है साथ ही उनके धन, समृद्धि, प्रसिद्धि में तेजी से बढ़ोतरी होती है ।
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सकल बढ़ें उपजें सुख नाना । जो यह पाठ करै धरि ध्याना ॥४२II
Whoever recites this with your attention, receives many kinds of happiness and his prosperity increases in every way.
जो भी आपका ध्यान धर कर यह पाठ करता है उसे कई प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है व उसका वैभव हर प्रकार से बढ़ता है ।
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यह चालीसा भक्तियुक्त पाठ करे जो कोय । तापर कृपा प्रसन्नता गायत्री की होय ॥४३II
Mother Gayatri will be pleased and shower her blessings on anyone who recites this Chalisa with complete devotion.
पूरी भक्ति के साथ जो भी इस चालीसा का पाठ करेगा उस पर मां गायत्री प्रसन्न होकर कृपा करती हैं ।