1. 1

    नमामीशमीशान निर्वाणरूपम्। विभुम् व्यापकम् ब्रह्मवेदस्वरूपम्। निजम् निर्गुणम् निर्विकल्पम् निरीहम्। चिदाकाशमाकाशवासम् भजेऽहम् ॥ १ ॥

    Vibhu moksha personified, Veda incarnate, all-pervading Lord, Lord, master of all, I pay obeisance to you, and am ever-worshipful, Away from maya and the cycles of nature, of conscious desire, I chant to you Lord Digambara, who wears the sky as a garment. ॥ 1 ॥

    हे मोक्षस्वरूप, विभु, ब्रह्म और वेदस्वरूप, ईशान दिशा के ईश्वर व सबके स्वामी श्री शिव जी! मैं आपको नमस्कार करता हूँ। निजस्वरूप में स्थित (अर्थात माया आदि से रहित), गुणों से रहित, भेद रहित, इच्छा रहित, चेतन आकाशरूप एवं आकाश को ही वस्त्र रूप में धारण करने वाले दिगम्बर आपको भजता हूँ। ॥ १ ॥