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अशेषहावभाव धीरहीर हार भूषिते, प्रभूतशातकुम्भकुम्भ कुमि्भकुम्भसुस्तनी। प्रशस्तमंदहास्यचूणपूणसौख्यसागरे, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्॥६II
O goddess decorated with a pearl necklace of bold amorous hints, O goddess as fair as gold, O goddess whose breasts are great golden waterpots, O ocean of happiness filled with the scented powders of gentle smiles, when will You cast Your merciful sidelong glance upon me?
हे देवी, जो प्रेम के गहरे संकेतों के मोतियों की माला से सुशोभित हैं, हे स्वर्ण के समान सुन्दर देवी, हे देवी जिनके वक्षस्थल महान स्वर्ण कलश हैं, हे सौम्य मुस्कानों के सुगन्धित चूर्ण से परिपूर्ण सुख की सागर, आप मुझ पर अपनी कृपापूर्ण दृष्टि कब डालेंगी?
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मृणालबालवल्लरी तरंगरंगदोलते, लतागलास्यलोलनील लोचनावलोकने। ललल्लुलमि्लन्मनोज्ञ मुग्ध मोहनाश्रये, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्॥७II
O goddess whose arms are lotus stalks dancing on the waves, O goddess whose dark eyes are dancing vines, O playful, beautiful, charming goddess, when will You cast Your merciful sidelong glance upon me?
हे देवी जिनकी भुजाएं लहरों पर नाचते हुए कमल के डंठल हैं, हे देवी जिनकी काली आंखें नाचती हुई लताएं हैं, हे चंचल, सुंदर, आकर्षक देवी, आप मुझ पर अपनी दयालु तिरछी नज़र कब डालेंगी?
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सुवर्ण्मालिकांचिते त्रिरेखकम्बुकण्ठगे, त्रिसुत्रमंगलीगुण त्रिरत्नदीप्तिदीधिअति। सलोलनीलकुन्तले प्रसूनगुच्छगुम्फिते, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्॥८II
O goddess who wear a golden necklace on the three-lined conchshell of Your neck, O goddess splendid with three jasmine garlands and three jewelled necklaces, O goddess whose moving locks of dark hair are decorated with bunches of flowers, when will You cast Your merciful sidelong glance upon me?
हे देवी, आपने अपने गले में तीन शंखों वाला स्वर्ण हार पहना है, हे देवी, आपने तीन चमेली की माला और तीन रत्नजटित हार पहने हैं, हे देवी, आपके काले केशों की लटें पुष्पों के गुच्छों से सुशोभित हैं, आप मुझ पर अपनी कृपा दृष्टि कब डालेंगी?
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नितम्बबिम्बलम्बमान पुष्पमेखलागुण, प्रशस्तरत्नकिंकणी कलापमध्यमंजुले। करीन्द्रशुण्डदण्डिका वरोहसोभगोरुके, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्॥९II
O goddess who wear a sash of flowers on Your curved hips, O goddess charming with a sash of tinkling jewelled bells, O goddess whose beautiful thighs punish the regal elephant's trunk, when will You cast Your merciful sidelong glance upon me?
हे देवी, आप अपने घुमावदार कूल्हों पर फूलों का पट्टा पहनती हैं, हे रत्नजटित घंटियों के पट्टे से सुशोभित देवी, हे देवी जिनकी सुंदर जांघें राजसी हाथी की सूँड़ को दंड देती हैं, आप मुझ पर अपनी दयालु तिरछी दृष्टि कब डालेंगी?
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अनेकमन्त्रनादमंजु नूपुरारवस्खलत्, समाजराजहंसवंश निक्वणातिग। विलोलहेमवल्लरी विडमि्बचारूचं कमे, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्॥१०II
O goddess whose anklets' tinkling is more beautiful than the sounds of many mantras and the cooing of many regal swans, O goddess whose graceful motions mock the moving golden vines, when will You cast Your merciful sidelong glance upon me?
हे देवी, जिनके पायल की झंकार अनेक मंत्रों की ध्वनि तथा अनेक राजसी हंसों की कूजन से भी अधिक सुन्दर है, हे देवी, जिनकी मनोहर चाल चलती हुई सुनहरी लताओं का उपहास करती है, आप मुझ पर अपनी कृपापूर्ण दृष्टि कब डालेंगी?