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जटाटवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् । डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥ १ ॥
With his neck, consecrated by the flow of water flowing from the thick forest-like locks of hair, and on the neck, where the lofty snake is hanging garland, and the Damaru drum making the sound of Damat Damat Damat Damat, Lord Shiva did the auspicious dance of Tandava and may He shower prosperity on us all. ॥ 1 ॥
उनके बालों से बहने वाले जल से उनका कंठ पवित्र है, और उनके गले में सांप है जो हार की तरह लटका है, और डमरू से डमट् डमट् डमट् की ध्वनि निकल रही है, भगवान शिव शुभ तांडव नृत्य कर रहे हैं, वे हम सबको संपन्नता प्रदान करें। ॥ १ ॥