- 6
ललाट चत्वरज्वलद्धनञ्जय स्फुलिङ्गभा निपीत पञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् । सुधामयूखलेखया विराजमान शेखरं महाकपालि सम्पदे शिरोजटालमस्तु नः ॥ ६ ॥
May we get the wealth of Siddhis from Shiva’s locks of hair, which devoured the God of Love with the sparks of the fire flaming in His forehead, who is bowed by all the celestial leaders, who is beautiful with a crescent moon ॥ 6 ॥
शिव के बालों की उलझी जटाओं से हम सिद्धि की दौलत प्राप्त करें, जिन्होंने कामदेव को अपने मस्तक पर जलने वाली अग्नि की चिनगारी से नष्ट किया था, जो सारे देवलोकों के स्वामियों द्वारा आदरणीय हैं, जो अर्ध-चंद्र से सुशोभित हैं। ॥ ६ ॥
- 7
कराल फालपट्टिका धगद्धगद्धगज्ज्वल द्धनञ्जयाहुतीकृत प्रचण्ड पञ्चसायके । धराधरेन्द्र नन्दिनी कुचाग्र चित्रपत्रक प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥ ७ ॥
My interest is in Lord Shiva, who has three eyes, who has offered the powerful God of Love into the fire, flaming Dhagad Dhagad on the flat surface of his forehead who is the sole expert artist of drawing decorative lines on the tips of breasts of Parvati, the daughter of the mountain king. ॥ 7 ॥
मेरी रुचि भगवान शिव में है, जिनके तीन नेत्र हैं, जिन्होंने शक्तिशाली कामदेव को अग्नि को अर्पित कर दिया, उनके भीषण मस्तक की सतह डगद् डगद्... की घ्वनि से जलती है, वे ही एकमात्र कलाकार है जो पर्वतराज की पुत्री पार्वती के स्तन की नोक पर, सजावटी रेखाएं खींचने में निपुण हैं। ॥ ७ ॥
- 8
नवीनमेघमण्डली निरुद्ध दुर्धर स्फुरत् कुहू निशीथिनी तमः प्रबन्ध बद्ध कन्धरः । निलिम्प निर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः कलानिधान बन्धुरः श्रियं जगद्धुरन्धरः ॥ ८ ॥
May Lord Shiva give us prosperity, who bears the burden of this universe, who is lovely with the moon, who is red wearing the skin, who has the celestial river Ganga, whose neck is dark as midnight of new moon night covered by many layers of clouds. ॥ 8 ॥
भगवान शिव हमें संपन्नता दें, वे ही पूरे संसार का भार उठाते हैं, जिनकी शोभा चंद्रमा है, जिनके पास अलौकिक गंगा नदी है, जिनकी गर्दन गला बादलों की पर्तों से ढंकी अमावस्या की अर्धरात्रि की तरह काली है। ॥ ८ ॥
- 9
प्रफुल्ल नील पङ्कज प्रपञ्च कालिमप्रभा वलम्बि कण्ठ कन्दली रुचि प्रबद्ध कन्धरम् । स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छिदान्धकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥ ९ ॥
I pray to Lord Shiva, whose neck is tied with the luster of the temples hanging on the neck with the glory of the fully-bloomed blue lotuses which looked like the blackness (sins) of the universe, who is the killer of Manmatha, who destroyed Tripuras, who destroyed the bonds of worldly life, who destroyed the sacrifice, who destroyed the demon Andhaka, the destroyer of the elephants, and who controlled the God of death, Yama. ॥ 9 ॥
मैं भगवान शिव की प्रार्थना करता हूं, जिनका कंठ मंदिरों की चमक से बंधा है, पूरे खिले नीले कमल के फूलों की गरिमा से लटकता हुआ, जो ब्रह्माण्ड की कालिमा सा दिखता है। जो कामदेव को मारने वाले हैं, जिन्होंने त्रिपुर का अंत किया, जिन्होंने सांसारिक जीवन के बंधनों को नष्ट किया, जिन्होंने बलि का अंत किया, जिन्होंने अंधक दैत्य का विनाश किया, जो हाथियों को मारने वाले हैं, और जिन्होंने मृत्यु के देवता यम को पराजित किया। ॥ ९ ॥
- 10
अखर्व सर्वमङ्गला कलाकदम्बमञ्जरी रसप्रवाह माधुरी विजृम्भणा मधुव्रतम् । स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥ १० ॥
I pray to Lord Shiva, who has bees flying all over because of the sweet honey from the beautiful bunch of auspicious Kadamba flowers, who is the killer of Manmatha, who destroyed Tripuras, who destroyed the bonds of worldly life, who destroyed the sacrifice, who destroyed the demon Andhaka, the killer of the elephants, and who controlled the God of death, Yama. ॥ 10 ॥
मैं भगवान शिव की प्रार्थना करता हूं, जिनके चारों ओर मधुमक्खियां उड़ती रहती हैं शुभ कदंब के फूलों के सुंदर गुच्छे से आने वाली शहद की मधुर सुगंध के कारण, जो कामदेव को मारने वाले हैं, जिन्होंने त्रिपुर का अंत किया, जिन्होंने सांसारिक जीवन के बंधनों को नष्ट किया, जिन्होंने बलि का अंत किया, जिन्होंने अंधक दैत्य का विनाश किया, जो हाथियों को मारने वाले हैं, और जिन्होंने मृत्यु के देवता यम को पराजित किया। ॥ १० ॥