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इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं सम्पूर्णम् । ॥ १६ ॥
Thus ends the prayer to Kunjika which occurs in the discussion between Shiva and Parvati, Which occurs in Gauritantra and which occurs in Sri Rudra Yamala. ॥ 16 ॥
इस प्रकार श्रीरुद्रयामल के गौरीतन्त्र में शिव-पार्वती - संसद में सिद्धकुंजिकास्तोत्र सम्पूर्ण हुआ। ॥ १६ ॥