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रक्ताक्षि रक्तदशने रक्तचर्चितगात्रके । रक्तबीजनिहन्त्री त्वं जयं देहि नमोऽस्तु ते ॥ ११ ॥
O Bhagwati with blood red eyes, blood stained teeth and body covered with blood! You are the one who will kill Raktabeej, please grant me victory, I salute you.
रक्तवर्ण के नेत्र वाली, रक्तरंजित दन्तपंक्ति वाली तथा रक्त से लिप्त शरीर वाली भगवती ! आप रक्तबीज का संहार करने वाली हैं, आप मुझे विजय प्रदान करें , आपको नमस्कार है I
- 12
निशुम्भशुम्भसंहन्त्रि विश्वकर्त्रि सुरेश्वरि । जहि शत्रून् रणे नित्यं जयं देहि नमोऽस्तु ते ॥ १२॥
O Sureshwari, the one who killed Nishumbha and Shumbh and created the world, please kill the enemies in the daily battle and grant me victory, I salute you.
निशुम्भ तथा शुम्भ का संहार करने वाली, जगत् की सृष्टि करने वाली सुरेश्वरी ! आप नित्य युद्ध में शत्रुओं का संहार कीजिये और मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है I
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भवान्येतज्जगत्सर्वं त्वं पालयसि सर्वदा। रक्ष विश्वमिदं मातर्हत्वैतान् दुष्टराक्षसान् ॥ १३ ॥
Bhavani! You always take care of this whole universe. Mother! Please protect this world by killing these evil demons.
भवानी ! आप सदा इस सम्पूर्ण जगत् का पालन करती हैं I मात: ! आप इन दुष्ट राक्षसों को मारकर इस विश्व की रक्षा कीजिये I
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त्वं हि सर्वगता शक्तिर्दुष्टमर्दनकारिणि । प्रसीद जगतां मातर्जयं देहि नमोऽस्तु ते ॥ १४॥
O Bhagvati who kills the wicked! You are the form of Shakti present in all, the mother of the world! Be pleased, grant me victory, I salute you.
दुष्टों का संहार करने वाली भगवती ! आप सब में विद्यमान रहने वाली शक्तिस्वरूपा हैं, जगन्माता ! प्रसन्न होइये, मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है I
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दुर्वृत्तवृन्ददमनि सद्वृत्तपरिपालिनि । निपातय रणे शत्रूञ्जयं देहि नमोऽस्तु ते ॥ १५ ॥
O Bhagvati who suppresses the wicked and protects the virtuous! Please destroy the enemies in the war and grant me victory, I salute you.
दुराचारियों का दमन करने वाली तथा सदाचारियों का पालन करने वाली भगवती ! युद्ध में शत्रुओं का संहार कीजिये और मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है I