1. 11

    रक्ताक्षि रक्तदशने रक्तचर्चितगात्रके । रक्तबीजनिहन्त्री त्वं जयं देहि नमोऽस्तु ते ॥ ११ ॥

    O Bhagwati with blood red eyes, blood stained teeth and body covered with blood! You are the one who will kill Raktabeej, please grant me victory, I salute you.

    रक्तवर्ण के नेत्र वाली, रक्तरंजित दन्तपंक्ति वाली तथा रक्त से लिप्त शरीर वाली भगवती ! आप रक्तबीज का संहार करने वाली हैं, आप मुझे विजय प्रदान करें , आपको नमस्कार है I

  2. 12

    निशुम्भशुम्भसंहन्त्रि विश्वकर्त्रि सुरेश्वरि । जहि शत्रून् रणे नित्यं जयं देहि नमोऽस्तु ते ॥ १२॥

    O Sureshwari, the one who killed Nishumbha and Shumbh and created the world, please kill the enemies in the daily battle and grant me victory, I salute you.

    निशुम्भ तथा शुम्भ का संहार करने वाली, जगत् की सृष्टि करने वाली सुरेश्वरी ! आप नित्य युद्ध में शत्रुओं का संहार कीजिये और मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है I

  3. 13

    भवान्येतज्जगत्सर्वं त्वं पालयसि सर्वदा। रक्ष विश्वमिदं मातर्हत्वैतान् दुष्टराक्षसान् ॥ १३ ॥

    Bhavani! You always take care of this whole universe. Mother! Please protect this world by killing these evil demons.

    भवानी ! आप सदा इस सम्पूर्ण जगत् का पालन करती हैं I मात: ! आप इन दुष्ट राक्षसों को मारकर इस विश्व की रक्षा कीजिये I

  4. 14

    त्वं हि सर्वगता शक्तिर्दुष्टमर्दनकारिणि । प्रसीद जगतां मातर्जयं देहि नमोऽस्तु ते ॥ १४॥

    O Bhagvati who kills the wicked! You are the form of Shakti present in all, the mother of the world! Be pleased, grant me victory, I salute you.

    दुष्टों का संहार करने वाली भगवती ! आप सब में विद्यमान रहने वाली शक्तिस्वरूपा हैं, जगन्माता ! प्रसन्न होइये, मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है I

  5. 15

    दुर्वृत्तवृन्ददमनि सद्वृत्तपरिपालिनि । निपातय रणे शत्रूञ्जयं देहि नमोऽस्तु ते ॥ १५ ॥

    O Bhagvati who suppresses the wicked and protects the virtuous! Please destroy the enemies in the war and grant me victory, I salute you.

    दुराचारियों का दमन करने वाली तथा सदाचारियों का पालन करने वाली भगवती ! युद्ध में शत्रुओं का संहार कीजिये और मुझे विजय प्रदान कीजिये, आपको नमस्कार है I