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धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके । कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ६ ॥
You whose clinking bangles shine by contact with your body in the festival of the battle with bows, whose enemies are killed by blows on the back of their necks with the weapon known as ‘Sringa’ which is resplendent like gold and yellow in colour, and adorns your hip, You who have charming locks of hair, O Daughter of the Mountain, hail unto You, hail unto You. ॥ 6 ॥
युद्धभूमि में धनुष धारण कर अपने शरीर के स्पन्दनमात्र से शत्रुदल को कम्पित कर देनेवाली, स्वर्ण के पीले वर्ण के तीर और तरकश से युक्त भीषण योद्धाओं के सिर काटनेवाली और [हाथी-घोड़ा, रथ, पैदल] चारों प्रकार की सेनाओं का संहार करके रणभूमि में अनेक प्रकार की शब्दध्वनि करनेवाले बटुकों को उत्पन्न करनेवाली हे भगवान शिव की प्रिय पत्नी महिषासुर मर्दिनी पार्वती! आपकी जय हो, आपकी जय हो। ॥ ६ ॥
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अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते । दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदुत कृतान्तमते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ७ ॥
O You whose might remains unbearable even after the burden has been removed by the slaying of arrogant enemies in battle, who made Siva Your messenger—Siva who is foremost in the art of discriminating between right and wrong, who slew the demon messenger who was sinful, cruel, and evil-minded, You who have charming locks of hair, O Daughter of the Mountain, hail unto You, hail unto You. ॥ 7 ॥
रणभूमि में मदोन्मत्त शत्रुओं के वध से बढ़ी हुई अदम्य तथा पूर्ण शक्ति धारण करनेवाली, चातुर्यपूर्ण विचारवाले लोगों में श्रेष्ठ और गम्भीर कल्पनावाले प्रमथ अधिपति भगवान् शंकर को दूत बनानेवाली; पापी, दूषित कामनाओं तथा कुत्सित विचारोंवाले दुर्बुद्धि दानवों के दूतों से न जानी जा सकनेवाली हे भगवान शिव की प्रिय पत्नी महिषासुर मर्दिनी पार्वती! आपकी जय हो, जय हो ॥ ७ ॥
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अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे । दुमिदुमितामर धुन्दुभिनादमहोमुखरीकृत दिङ्मकरे जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ८ ॥
You whose hands gave protection and boons to the brave husbands of the women in the enemy’s camp who surrendered themselves to You, who wield in Your hand for the slaying of enemies the sanctified trident which removes the sorrows of all the three worlds, who make the quarters resound with the divine musical instrument known as ‘Dundubhi’, You who have charming locks of hair, O Daughter of the Mountain, hail unto You, hail unto You. ॥ 8 ॥
शरणागत शत्रुओं की स्त्रियों के वीर पतियों को अभय प्रदान करनेवाले हाथ से शोभा पानेवाली, तीनों लोकों को पीड़ित करनेवाले दैत्य शत्रुओं के मस्तक पर प्रहार करने योग्य तेजोमय त्रिशूल हाथ में धारण करनेवाली तथा देवताओं की दुन्दुभि से ‘दुम्-दुम्’ इस प्रकारकी ध्वनि से समस्त दिशाओं को बार-बार गुंजित करनेवाली हे भगवान् शिव की प्रिय पत्नी महिषासुर मर्दिनी पार्वती! आपकी जय हो, जय हो ॥ ८ ॥
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जय जय जाप्यजये जयशब्दपरस्तुतितत्परविश्वनुते झणझणझिंझिमझिंकृतनूपुरशिञ्जितमोहितभूतपते। नटितनटार्धनटीनटनायकनाटननाटितनाट्यरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ९ ॥
You whose praises are sung by people ever eager to praise You with charming words like ‘victory to You’, who captivate even Siva, the Lord of all beings with the clinging sound of Your anklets, who are fond of dancing with Siva in the sport in which He dances as Ardhanareeswara, You who have charming locks of hair, O Daughter of the Mountain, hail unto You, hail unto You. ॥ 9 ॥
हे जपनीय मन्त्र की विजयशक्तिस्वरूपिणि! आपकी बार-बार जय हो। जय-जयकार शब्दसहित स्तुति करने में तत्पर समस्त संसार के लोगों से नमस्कृत होनेवाली, अपने नूपुर के झण-झण, झिंझिम शब्दों से भूतनाथ भगवान् शंकर को मोहित करनेवाली और नटी-नटों के नायक प्रसिद्ध नट अर्धनारीश्वर शंकर के नृत्य से सुशोभित नाट्य देखने में तल्लीन रहनेवाली हे भगवान शिव की प्रिय पत्नी महिषासुर मर्दिनी पार्वती! आपकी जय हो, जय हो ॥ ९ ॥
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अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते । सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १० ॥
You who are supremely lustrous and decorated by the flowers in the form of the charming minds of the good, who shine like the moon for the lotuses in a lotus-pond, the movement of whose charming eyes gives the impression of hovering bees, You who have charming locks of hair, O Daughter of the Mountain, hail unto You, hail unto You. ॥ 10 ॥
प्रसन्नचित्त तथा सन्तुष्ट देवताओं द्वारा अर्पित किये गये पुष्पों से अत्यन्त मनोरम कान्ति धारण करनेवाली, निशाचरों को वर प्रदान करनेवाले शिव की भार्या रात्रिसूक्त से प्रसन्न होनेवाली, चन्द्रमा के समान मुखमण्डलवाली और सुन्दर नेत्रवाले कस्तूरी मृग में व्याकुलता उत्पन्न करनेवाले भौंरों से तथा भ्रान्ति को दूर करनेवाले ज्ञानियों से अनुसरण की जानेवाली हे भगवान शिव की प्रिय पत्नी महिषासुर मर्दिनी पार्वती! आपकी जय हो, जय हो ॥ १० ॥