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    नाहं जातो जन्ममृत्यू कुतो मे नाहं प्राणः क्षुत्पिपासे कुतो मे । नाहं चित्तं शोकमोहौ कुतो मे नाहं कर्ता बन्धमोक्षौ कुतो मे ॥६॥

    I was not born, whence birth and death came to me, I am not the soul, whence came hunger and thirst to me, I am not the mind, whence came passion and sorrow to me, I am not the doer, whence came attachment and detachment to me?

    मैं जन्मा ही नहीं, जन्म और मृत्यु मुझमें कहां से आए, मैं आत्मा नहीं, भूख और प्यास मुझमें कहां से आए, मैं मन नहीं, वासना और दुख मुझमें कहां से आए, मैं कर्ता नहीं, आसक्ति और विरक्ति मुझमें कहां से आए?