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    सहस्रलोचन प्रभृत्यशेषलेख शेखर प्रसूनधूलि धोरणी विधूसराङ्घ्रि पीठभूः । भुजङ्गराजमालया निबद्ध जाटजूटकः श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धु शेखरः ॥ ५ ॥

    May Lord Shiva give us prosperity, who has the moon (relative of the Cakora bird) as his head-jewel, whose hair is tied by the red snake- garland, whose foot-stool is grayed by the flow of dust from the flowers from the rows of heads of all the Gods, Indra/Vishnu and others. ॥ 5 ॥

    भगवान शिव हमें संपन्नता दें, जिनका मुकुट चंद्रमा है, जिनके बाल लाल नाग के हार से बंधे हैं, जिनका पायदान फूलों की धूल के बहने से गहरे रंग का हो गया है, जो इंद्र, विष्णु और अन्य देवताओं के सिर से गिरती है। ॥ ५ ॥